स्वयं का सामना

By सरश्री

Share

Original Title

स्वयं का सामना

Series

Publish Date

2014-01-01

Published Year

2014

Publisher, Place

Total Pages

275

ISBN 10

8184153929

Format

E-Book

Country

India

Language

Hindi

Readers Feedback

स्वयं का सामना

Book Review :Sonawane Dipti Shantaram, MGV's Loknete Vyankatrao Hiray Arts Science and Commerce College Panchvati, Nashik. स्वयं का सामना एक आंतरिक खोज है | यह...Read More

Sonawane Dipti Shantaram

Sonawane Dipti Shantaram

×
स्वयं का सामना
Share

Book Review :Sonawane Dipti Shantaram, MGV’s Loknete Vyankatrao Hiray Arts Science and Commerce College Panchvati, Nashik.

स्वयं का सामना एक आंतरिक खोज है |
यह कथा हमारे सोच विचारो पर निरभित है बोहोत लोंग एसे होते है जो गलत सोच रखते है और आपने ही भावणाओ को ठेच पोंचाते है फिर ईसे परिस्थिति मै हम और लोगो बिना अंजाने मै दुख देते है |
अगर येसी परिसतिथी आई तो उस समय हमे क्या करना चाहिये है ये इस बूक से समज आता है |
व्यक्ति का विकास जीवन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है प्रायह यह देखा गया है की आज्ञानता से अभिक्षपत व्यक्ती क्षुद्र सोच व समज से उपर नाही उठ पाता है |
फलता: वह चेतना के उच्च स्तर तक पहुच पाने से वंचित रहकर तमाम दु:खो और कषटो से घिरा रहता है | एसे’ मै वह स्वत: आत्मपरीक्षण कर एसे कष्ट से छुटकारा पाने का सहज और सुगम उपाय प्राप्त कर सकता है

Submit Your Review