Name of the Student:- Pruthvi Dayaram. Rathod Name of the College :- Ness Wadia College of Commerce pune Book Review श्रीरामचरितमानस श्रीरामचरितमानस, तुलसीदासजी
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Name of the Student:- Pruthvi Dayaram. Rathod
Name of the College :- Ness Wadia College of Commerce pune
Book Review
श्रीरामचरितमानस
श्रीरामचरितमानस, तुलसीदासजी द्वारा रचित एक अद्भुत काव्य कृति है, जो भारतीय साहित्य और धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है। यह काव्य ग्रंथ भगवान राम के जीवन और उत्तकी लीलाओं का वर्णन करता है और इसे भारतीय साहित्य के सर्वोत्तम महाकाव्यों में गिना जाता है। श्रीतुलसीदासजी ने इसे अवधी भाषा में लिखा, जो कि सरल और आम जनता के लिए समझने मझने योग्य थी। इस काव्य में भगवान श्रीराम की यात्रा, उनके गुण, उनके आदर्श और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन किया गया है।
श्रीरामचरितमानस का साहित्यिक सौंदर्भ और उसकी गहरी भक्ति भावना इसे एक अद्वितीय काव्य बनाती है। तुलसीदासजी ने इस काव्य में भगवान श्रीराम को आदर्श मानव और परमात्मा के रूप में प्रस्तुत किया है। श्रीराम का जीवन, उनका संघर्ष और उनके द्वारा स्थापित किए गए नैतिक आदर्शों का उनके भक्तों के लिए एक मार्गदर्शन के रूप में पेश किया गया है। श्रीरामचरितमानस के में के सात कांड भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हैं, और प्रत्येक कांड में नैतिक शिक्षा और भक्ति का संदेश निहित है। वे सात कांड कुछ इस प्रकार है, बालकाण्ड, अयोध्याकण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, लंकाकाण्ड, और उत्तरकाण्ड। श्रीरामचरितन मानस में कुल ३० मासपारायण विश्राम-स्थान है। श्रीरामचरितमानस में चौपाइयों की संख्या 4608 है।
तुलसीदासजी की कविता का एक खास पहलू उनकी भाषा का सरल, सुंदर और प्रभावशाली होना है। उन्होंने अपनी काव्य रचनाओं में भाक्ति और प्रेम को प्रमुखता दी है, जिससे पाठकों का हृदय छू जाता है। विशेष रूप से श्रीरामचरितमानस में हनुमानजी की भक्ति उनका श्रीराम के प्रति अगाध प्रेम पाठकों को प्रेरित करता है। इसके साथ ही, श्रीराम के व्यक्तित्व के सभी पहलुओं- उनका कर्तव्य, उनकी निष्ठा, उनके परिवार के प्रति समर्पण के बहुत ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
यह ग्रंथ जीवन के हर पहलू को छूता है और हर व्यक्ति के लिए कुछ-न-कुछ सीख प्रदान करता है। राम के आदर्शों में धर्म, सत्य, भाक्ति का उच्चतम स्थान है, जो आज भी समाज के लिए मार्गदर्शन का काम करता है। श्रीराम का आदर्श जीवन उनका एकनिष्ठ संकल्प और दूसरों के प्रति करुणा इस काव्य का मुख्य संदेश है। श्रीरामचरितमानस द्वारा मुझे, मर्यादा में रहने की सीख प्राप्त हुई है।
श्रीरामचरितमानस एक सी काव्या रचना है जो न केवल धार्मिक और भक्ति साहित्य के नैतिक अद्वितीय उदाहरण है बल्कि और यह जीवन के आदर्श दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत करती है। यह एक ऐसा ग्रंथ है जो अनंत है और इसका जितना वर्णन किया जाए उतना कम है।
श्रीरामचरितमानस में निहित लौकिक ज्ञान किसी भी व्यक्ति के जीवन को संवार सकता है। इसमें हर वह तत्व समाया है जो जीवन जीने के लिए आवश्यक है। वैसे तो इसमें लिखा हर शब्द और इसकी हर चौपाई ही समान महत्व वाली है। इसे पढ़ पाना सुगम बनाने के लिए ही इसमें मासपारायण जैसी व्यवस्था भी हैं, जिससे व्यक्ति सहज तरीके से पूरी कथा पढ़ सकता है।
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