अमीर हुसेन, बी.ए. एल. एल. बी. तृतीय वर्ष, यशवंतराव चव्हाण विधी महाविद्यालय, पुणे
गोदान यह उपन्यास पूरी तरह भारतीय ग्रामीण जीवन शैली को पूरी तरह से उजागर करता है विशेष कर ग्रामीण किसानों की समस्याओं और शहरी जीवन के संघर्ष को दर्शाता है इसके मुख्य पात्र होरी और धनिया हैं धनिया जो होरी की पत्नी है होरी एक मेहनती और ईमानदार किसान रहता है जो लगातार मेहनत करता है ताकि उसका पारिवारिक जीवन सुचारु रूप से चल सकें उसके इतनी मेहनत करने के बावजूद वह गरीबों की दरिद्रता में धसते जाता है इसका एकमात्र कारण था उसे समय की सामंतवादी व्यवस्था जो उसे जकड़े हुए थी इस उपन्यास में धनिया का किरदार एक शक्तिशाली स्त्री के रूप में किया गया है वह परिवार को एकजुट रखने की पुरजोर कोशिश करती है पर उसकी कोशिश नाकाम रहती है वह अपने पति को गांव की सामाजिक परंपराओं के खिलाफ बोलने का साहस भी दिखती है वह झुनिया का भी स्वीकार करती है जो गोबर के साथ भाग आई थी गोबर होरी और धनिया का एकमात्र पुत्र रहता है वह अपने पिता की गरीबी और बेबसी को देखकर विद्रोह करता है और शहर भाग जाता है झुनिया को लेकर,झुनिया और गोबर शहर जाने के बावजूद सुकून की राहत नहीं मिलती और वह शहर में भी दर-दर की ठोकरे खाते हैं गोबर अपने पिता और गांव को भी भूल जाता है होरी को किसी का साथ न मिलने पर वह कर्ज के बोझ के तले दब जाता है और मरने से पहले वह अपने पैसे एक ब्राह्मण को दान में दे देता है जिससे वह अपने धर्म और परंपराओं का पालन कर सके इस पूरी कहानी में गांव की गरीबी और सामंती व्यवस्था जो गांव के लोगों को जकड़े हुए हैं पूरी तरह स्पष्ट दिखती है और गांव की कृतियां का भी स्पष्ट वर्णन दिखता है
• मजबूत पक्ष
१) सामाजिक संदेश लेखक ने इस उपन्यास के माध्यम से एक सामाजिक संदेश दिया है ताकि जो कुरीतियां समाज में चल रही थी वह दूर हो सके
२) इस कहानी का यथार्थवादी चित्रण जो आज भी हमें ग्रामीण इलाकों में दिख जाता है
३) इस उपन्यास में भावनात्मक गहराई बड़े अच्छे से ब्यक्त की
• कमजोर पक्ष
१) कुछ पाठकों के इसके किरदार थोड़ा अलग लग सकते हैं/लेखक ने जटिल पत्रों का उपयोग किया है
२) कहानी का धीमा प्रभाव कहीं ना कहीं पाठकों को थोड़ा बोरिंग लग सकता है
३) और कुछ पाठकों को आज के समानांतर यह कहानी आप प्रसांगिक भी लग सकती है
• स्वयं का अनुभव
मेरा इस उपन्यास को पढ़ने के बाद काफी दिलचस्प अनुभव रहा मै काफी भावनात्मक दृष्टिकोण से जुड़ा हूं मैं ऐसे परिवेश से आता हूं जहां गांव का पूरा चित्र मुझे मिलता है और जब मैंने यह उपन्यास पड़ा तो ऐसा लग रहा था जैसे मेरे सामने सारे किरदार घूम रहे हो/मुझे याद है जब मैं यह उपन्यास पढ़ रहा था/तब जब हीरा के भाई ने गाय को जहर दिया और गाय मर जाती है तो पूरा घर शोक में पड़ जाता है और मुझे काफी रोना आता है मेरी आंखों से आंसू तप तप गिरने लगते हैं यह दृश्य मेरे दिल में काफी गहरा प्रभाव डालता है इसमें धनिया का किरदार एक शक्तिशाली स्त्री के रूप में उपयोग किया गया जो समाज में चल रही कृतियों के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करती है होरी सीधा-साधा होने के बावजूद उसे हर कोई बेवकूफ बना देता था यहां तक उसकी गाय मरने के बावजूद गाय का दंड वह खुद ही भरता है यह मेरे लिए काफी भावनात्मक था और सामाजिक कृतियों के खिलाफ गुस्सा भी
• निष्कर्ष
गोदान यह उपन्यास भारतीय उपन्यासों में हीरे की तरह चमक रहा है यह उपन्यास कोई भी उम्र का व्यक्ति पड़ सकता है क्योंकि इसमें भारतीय समाज की गहराई को अच्छे से दर्शाया हुआ है वह गहराई जो आज भी हमारे समाज और ग्रामीण इलाकों में मिल जाती इस उपन्यास में ग्रामीण जीवन का यथार्थ और उस समय चल रही सामंतवादी व्यवस्था प्रणाली को बड़े अच्छे ढंग से दर्शाया है लेखक ने गांव की गरीबी और दरिद्रता को बड़ी शैलीके से इस उपन्यास में रेखांकित किया और शहरी जीवन को भी रेखांकित किया हालांकि इसके धीमी प्रभाव और जटिल पत्रों को समझने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है लेकिन इसके प्रभावशाली संदेश और उत्कृष्ट लेखन शैली से बखूबी भरपाई करता एक नई पहचान बनाता है कई वर्ष होने के बावजूद इसने अपना अस्तित्व नहीं खोया ये आज भी हमारे सामाज मैं अपनी लोकप्रियता बरकरार रखे हैं और आज भी पाठक बड़े गौर से गोदान पढ़ते हैं